प्रयागराज: मऊआइमा में हुई घटना को लेकर पहले ही दिन से लापरवाही बरती रही पुलिस
प्रयागराज जिले के मऊआइमा में हुई घटना को लेकर पहले ही दिन से लापरवाही बरती जा रही थी। आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर न तो कोई दबिश दी गई थी और न ही पुलिस ने किसी को पकड़ा था। अस्पताल में जब महिला की मौत हुई और हंगामा मचा, तब जाकर पुलिस की नींद टूटी और उसने कार्रवाई शुरू की। आनन-फानन में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।
हालांकि, आइजी और एसएसपी जब मृत महिला के गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने पुलिस पर पूरे मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इसके बाद थाने में तैनात दारोगा राजेंद्र प्रसाद सिंह, रमेश कुमार, आशीष कुमार सिंह व मुख्य आरक्षी अबरार को लाइन हाजिर कर दिया।
दर्ज रिपोर्ट में बढ़ाए कई लोगों के नाम
महिला की मौत के बाद हंगामा तो मऊआइमा थाने की पुलिस में भी हड़कंप मच गया। पहले दिन मारपीट की दर्ज रिपोर्ट में महिला की मौत होने पर धारा बढ़ा दी गई। इतना ही नहीं पहले तीन के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज थी, लेकिन फिर पुलिस ने कई और लोगों के नाम इसमें बढ़ा दिए। पुलिस का तर्क है कि जांच में हसन अली, हसीना बेगम, हसनैन, बल्ला पटेल, गल्ली व दीपक पटेल निवासी भानेमऊ के नाम प्रकाश में आए हैं। इसलिए इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
आप भी जानें, क्या था मामला
मऊआइमा के एक गांव में नौ मार्च को एक किशोरी बकरी चराने खेत में गई थी। उसी समय कुछ युवकों द्वारा उससे छेड़छाड़ की गई थी। किशोरी की मां को जानकारी हुई तो वह उलाहना देने युवकों के घर पहुंची, लेकिन वहां उल्टे उसे ही पीटा गया था। गुरुवार को एसआरएन अस्पताल में उसकी मौत हो थी। इसके बाद हंगामा हो गया था। पुलिस ने आरोपित तालिब, कौशर और अमन को गिरफ्तार कर लिया था। शुक्रवार को आइजी केपी सिंह और एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने गांव पहुंचे तो पुलिसकर्मियों द्वारा बरती गई लापरवाही की शिकायत ग्रामीणों ने की थी।
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