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पहाड़ों की रानी मसूरी की ये हैं दस खूबसूरत जगहें, जन्नत से कम नहीँ

उत्तराखंड भारत के उत्तर में पहाड़ी राज्य है, जो पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। दून वैली पर बसा देहरादून इसकी राजधानी है, जो चारों ओर से प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है। उत्तराखंड को ईश्वर की धरती या देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। हिंदुओं की आस्था के प्रतीक चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यहीं स्थित हैं। उत्तर का यह राज्य गंगा और यमुना समेत देश की प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी है। उत्तराखंड की गोद में बसा मसूरी बेहद खूबसूरत शहर है। मसूरी को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। यह हिल स्‍टेशन शिवालिक पर्वतमाला और दून घाटियों के अद्धुत दृश्‍य प्रदान करता है। इस जगह को यमुनोत्री और गंगोत्री के धार्मिक केंद्रों के लिए प्रवेश द्वार भी माना जाता है।



ये हिल स्टेशन हनीमून कपल्स से लेकर फैमली टूर की प्लानिंग तक सभी के लिए पसंदीदा हॉलिडे स्पॉट है। मसूरी की खूबसूरत वादियां, प्राकृतिक सौंदर्य, झरने और स्वादिष्ट भोजन सभी पर्यटकों का दिल जीत लेते हैं। मसूरी में घूमने के लिए कई खूबसूरत जगहें हैं। इनमें कैमल्स बैक रोड, लाल टिब्बा और चार दुकान भी शामिल हैं, जहां आप कई प्रकार के स्वादिष्ट पैनकेक्स का स्वाद ले सकते हैं। अगर आप भी मसूरी का दीदार करने की सोच रहे हैं तो आइए जानते हैं वहां के कुछ प्रसिद्ध दर्शनीय स्‍थलों के बारे में..

कैमल्स बैक रोड 

कैमल्स बैक रोड मसूरी में सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में से एक है। लाइब्रेरी बस स्टैंड से 3 किमी की दूरी पर, कैमल्स बैक रोड कुलरी बाजार से मसूरी में लाइब्रेरी चौक तक 3 किमी लंबा है। यह मसूरी शहर में घूमने के लिए शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक है। सड़क का नाम चट्टान से लिया गया है जिसका आकर ऊंट के पीठ के आकार की तरह है। इस सड़क को मसूरी पब्लिक स्‍कूल से भी देखा जा सकता है, साथ ही यहां के स्‍थानीय निवासी इस सड़क को सुबह – शाम टहलने के समय भी देख सकते हैं। कैमल्स बैक रोड का निर्माण 1845 में किया गया था। इस सड़क में एक प्राचीन हवा घर है जहाँ लोग बैठकर खूसबूरत चोटियों को देख सकते हैं। इस हवा घर को पहले स्कैंडल प्वाइंट के नाम से जाना जाता था। हिमालय की चोटियों को करीब से देखने के इच्छुक लोगों के लिए यहां टेलीस्कोप उपलब्ध हैं। यहां से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, चौखम्बा, नंदा देवी चोटियां दिखाई देती हैं।

बेनोग वाइल्ड लाइफ सैंचुरी 

बेनोग वाइल्ड लाइफ सैंचुरी मसूरी में लाइब्रेरी पॉइंट से लगभग 11 किमी दूर स्थित है। देवदार के पेड़ों और बर्फ से ढकी पर्वत चोटियों से घिरी हुई बेनोग वाइल्ड लाइफ सैंचुरी की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। नेचर लवर्स के लिए ये जगह एक अच्छा ऑप्शन है।

शेडअप चोपेलिंग मंदिर

मसूरी में स्थित शेडअप चोपेलिंग मंदिर तिब्बती बौद्ध मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। ये मसूरी में तिब्बती लोगों द्वारा स्थापित किया गया था। ये मंदिर आईएएस अकादमी के नजदीक हैप्पी वैली रोड पर स्थित है।

मॉल रोड 

मॉल रोड को मसूरी का दिल भी कहते हैं। दो किलोमीटर लंबा ये रास्ता लाइब्रेरी पॉइंट से शुरू होकर पिक्चर पैलेस तक जाता है। इसे मसूरी का दिल भी कहा जाता है। मॉल रोड पर पैदल घूमते हुए यहां लगने वाली कपड़ों की दुकानें, स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल आदि का आनंद लिया जा सकता है। हालांकि, रात के समय मॉल रोड का नजारा और भी ज्यादा खूबसूरत लगता है।

गन हिल 
गन हिल मसूरी का दूसरा सबसे ऊंचा स्थान है और मॉल रोड से लगभग 400 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। आप गन हिल का लुत्फ उठाने के लिए रोपवे से जा सकते हैं या मॉल रोड पर कोर्ट कॉम्प्लेक्स से आधे घंटे की लंबी पैदल यात्रा कर सकते हैं।

म्युनिसिपल गार्डन

लाइब्रेरी पॉइंट से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित म्युनिसिपल गार्डन को शुरुआत में कंपनी बाग के नाम से जाना जाता था। विशाल बगीचों से घिरा हुआ, हरे लॉन, फव्वारे, झील, फूलों की 800 विभिन्न प्रजातियों के साथ ये हिल स्टेशन पर्यटकों के लिए एक सुंदर आकर्षण केंद्र है। यहां पाए जाने वाले चायना ट्री इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं। इसके अलावा, आप यहां की झील में नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।

लाल टिब्बा
लाल टिब्बा को लाल पहाड़ी भी कहा जाता है। ये मसूरी का सबसे ऊंचा पॉइंट माना जाता है। ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के सभी प्रसारण स्टेशन यहां स्थित हैं। भारतीय सेना तैनात होने की वजह से यहां जाना प्रतिबंधित है। आप टेलीस्कोप के माध्यम से लाल टिब्बा के मनोरम दृश्य का आनंद ले सकते हैं।

मसूरी लेक 

मसूरी झील उत्तराखंड की प्रकृति की गोद में बसे मसूरी के मुख्य पर्यटन स्थल में से है । मसूरी झील एक सुंदर पिकनिक स्‍पॉट है। मसूरी झील मसूरी से 7 किलोमीटर दूर देहरादून मार्ग पर स्थित है। मसूरी झील में बोटिंग के लिए पैंडल बोट की सुविधा भी अपलब्ध है एवम् पर्यटक यहां आकर झील में नौका विहार का आनंद उठा सकते हैं। देहरादून-मसूरी रोड में मसूरी से मात्र 6 किमी पहले स्थित, मसूरी झील एक दिन के लिए पिकनिक के साथ-साथ नौका विहार के लिए एकदम सही जगह है

केम्प्टी फॉल्स

केम्प्टी फॉल्स एक शानदार और मनमोहक जलप्रपात है जो भारत के राज्य उत्तराखण्ड के शहर मसूरी से 15 किमी की दूरी पर चकराता सड़क पर स्थित है और इस क्षेत्र का सबसे बड़ा आकर्षण है। यह जलप्रपात समुद्र तल से 1364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। केम्प्टी फॉल्स में पानी 50 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है और पांच धाराओं में विभाजित हो जाता है। केम्प्टी में दो मुख्य झरने हैं जो पानी के बड़े ताल में गिरते हैं जो पहाड़ की धारा के क्रिस्टल साफ पानी में खेलने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान करते हैं। निचला झरना बहुत लोकप्रिय है और बड़ी भीड़ को आकर्षित करता है जबकि ऊपरी अपेक्षाकृत शांत है।

क्राइस्ट चर्च

लाइब्रेरी बस स्टैंड से 0.6 किमी की दूरी पर, क्राइस्ट चर्च मसूरी में कसमांडा पैलेस के पास स्थित एक प्राचीन चर्च है। क्राइस्ट चर्च का निर्माण 1836 में ब्रिटिश समुदाय द्वारा किया गया था और माना जाता है कि यह हिमालय पर्वतमाला में सबसे पुराना चर्च है। यह चर्च शानदार गोथिक शैली की वास्तुकला का दावा करता है। चर्च की खिड़कियों का ग्लास सना हुआ है, जो यीशु मसीह के जीवन की घटनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। पर्यटकों का ध्यान खींचने के लिए चर्च की दीवारों और अंदरूनी हिस्सों को खूबसूरती से सजाया गया है।

मसूरी कैसे जाएं

मसूरी, आसानी से भारत के अन्‍य भागों से हवाई, रेल और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। इस गंतव्‍य का सबसे नजदीकी एयरबेस जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है जो देहरादून में बना हुआ है। इस एयरपोर्ट की मसूरी से दूरी 60 किमी। है। देहरादून रेलवे स्‍टेशन, इस गंतव्‍य स्‍थल का सबसे नजदीकी रेल हेड है।

मसूरी का मौसम

मसूरी में साल के हर महीने में मौसम बेहद खुशनुमा रहता है जो हर साल भारी संख्‍या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह हिल स्‍टेशन सभी मौसम में सुंदर लगता है। हालांकि, मसूरी घूमने का आदर्श समय मार्च से जून और सितम्‍बर से नवंबर के बीच होता है।

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