नए बालिगों को वोटर बनाना सबसे बड़ी चुनौती, चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव कुछ ही माह दूर हैं। चुनाव की तैयारी के क्रम में राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय मतदाता सूची को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। इन सबके बीच राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सामने सबसे बड़ी चुनौती 18 से 19 वर्ष आयुवर्ग के युवाओं को मतदाता बनाने की है। प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार इस आयु वर्ग के 399212 युवा हैं। इसके सापेक्ष केवल 46765 ही वोटर बन पाए हैं, जो इस आयु वर्ग का 11.71 प्रतिशत है। इनमें 27946 पुरुष और 18819 महिला मतदाता शामिल हैं।
प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु की अनुमानित जनसंख्या 8138147 है। इसके सापेक्ष प्रदेश में 7846000 मतदाता हैं, जो 18 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या का 96.41 प्रतिशत है। मतदाता सूची बनाने का कार्य हर साल अनवरत चलता रहता है। चुनाव के समय जिस मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जाता है, उसी के अनुसार मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार मिलता है। इस वर्ष अभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने अनंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया है।
इसका अंतिम प्रकाशन एक जनवरी 2022 अथवा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तय तिथि के अनुसार किया जाएगा। चुनावों में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग का फोकस युवाओं का नाम वोटर लिस्ट में शामिल करने पर रहता है। यही कारण है कि मतदाता सूची बनाने का जो काम अभी चल रहा है, उसमें एक जनवरी 2022 को 18 वर्ष पूरे करने वाले युवाओं से भी आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, ताकि उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जा सके।
राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या का कहना है कि युवाओं को मतदाता बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों और अन्य संस्थाओं को भी 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवाओं को मतदाता बनने के लिए जागरूक करने को आगे आना चाहिए।
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