देश में तेजी से बढ़ रहे हैं मामले, टाप थ्री में कौन कैन से राज्य
देश में ओमिक्रोन के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान इस वैरिएंट के देशभर में 32 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद इनकी कुल संख्या बढ़कर 358 हो गई है। गुरुवार की सुबह देश में ओमिक्रोन के मामलों की संख्या 326 थी। ओमिक्रोन के मामलों में महाराष्ट्र एक बार फिर से सबसे आगे हो गया है यहां पर इसके 88 मामले हो गए हैं जबकि दिल्ली में 67 मामले अब तक सामने आए हैं। ओमिक्रोन के 358 मरीजों में से 114 मरीज रिकवर हो गए हैं।
केंद्र के ताजा आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड, लद्दाख, चंडीगढ़ में ओमिक्रोन के 1-1 मामले सामने आए हैं। वहीं आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश 2-2, जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल में 3-3, हरियाणा और ओडिशा में 4-4, मामले सामने आए हैं। इकसे अलावा राजस्थान में 22, केरल में 27, गुजरात में 30, कर्नाटक में 31, तमिलनाडु में 34, तेलंगाना, 38, दिल्ली में 67 और महाराष्ट्र में 88 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र में ओमिक्रोन से रिकवर होने वालों की संख्या भी सबसे अधिक है। यहां पर अब तक 42 मरीज ठीक हो चुके हैं।
आपको बता दें कि देश में बढ़ते ओमिक्रोन के मामलों को देखते हुए केंद्र पूरी तरह से सतर्क है। गुरुवार को इस बाबत पीएम नरेंद्र मोदी ने एक समीक्षा बैठक भी की थी। इसमें उन्हें बताया गया कि राज्यों को किस तरह के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सरकार की तरफ से जानकारी दी गई थी कि सभी राज्यों इससे निपटने के लिए दवाओं की पूरी आपूर्ति की गई है।
इसके अलावा केंद्र ने सभी राज्यों से अपील की है कि वो अपने यहां पर टीकाकरण का दायरा बढ़ाए। इसके लिए सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना रोधी टीकों की करीब 147.48 करोड़ खुराक भी मुहैया करवाई है। सरकार का कहना है कि हर घर दस्तक कार्यक्रम को भी तेज किए जाने की जरूरत है।
ओमिक्रोन को लेकर अब तक जितनी भी जानकारी सामने आई हैं उनके मुताबिक इसके संक्रमण की रफ्तार अब तक सामने आए वैरिएंट से अधिक है। हालांकि ये भी जानकारी सामने आ चुकी है कि जिन लोगों को कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराक मिल चुकी हैं उनको संक्रमण के बाद भी इसका खतरा कम है। भारत में अब तक इस वैरिएंट से किसी की जान नहीं गई है जो एक अच्छी बात है। राज्यों ने भी इस वैरिएंट के खतरे को देखते हुए कड़े कदम उठाने की शुरुआत कर दी है।
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