टीचर्स की कमी से जूझ रहे हैं दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज, लंबे समय से खाली पड़ें हैं हजारों पद
दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। डीयू के अधीन कॉलेजों में करीब 3,900 शिक्षकों के पद खाली हैं। इस बात की जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार (Union Minister of State for Education Subhas Sarkar) ने दी है। उन्होंने संसद में एक लिखित जवाब में बताया कि डीयू के कॉलेजों में 3,900 से अधिक शिक्षक पद रिक्त पड़े हैं। हालांकि इनमें 3000 से अधिक शिक्षक एडहॉक पर काम कर रहे हैं।
वहीं कॉलेज वार अगर, वैकेंसी की देखें तो तो गार्गी कॉलेज में 216, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज में 169, रामजस कॉलेज 143, देशबंधु कॉलेज 132 और श्री वेंकटेश्वर कॉलेज 131 के पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी के अलावा कई अन्य विश्वविद्यालय हैं, जहां शिक्षकों की कमी हैं। इस बात की जानकारी बीते समय में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ हुई एक अहम बैठक के दौरान मिली थी।
मंत्रालय से प्राप्त आकड़ों के अनुसार देश भर के विश्वविद्यालयों में कुल 6229 टीचिंग पद रिक्त हैं। इनमें से 1012 अनुसूचित जाति, 592 अनुसूचित जनजाति, 1767 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 805 ईडब्ल्यूएस और 350 दिव्यांग श्रेणी के रिक्त हैं। वहीं, शेष जनरल कटेगरी के पद हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय सहित 44 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से 15 यूनिवर्सिटी में स्वीकृत टीचर्स के पदों में से 40% से अधिक रिक्त हैं। इसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय और ओडिशा के केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षण पदों पर 70% से अधिक पद खाली हैं। हालांकि इन पदों को भरने के लिए शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालयों को जल्द से जल्द भरने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा हाल ही में डीयू ने एक अहम फैसला लिया है। इसके मुताबिक यूनिवर्सिटी में अब यूजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नए शैक्षणिक सत्र से दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया जाएगा।
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