जान लें ये जरूरी नियम,कुंवारी लड़कियां करवा चौथ का व्रत रखें या नहीं ?
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत की कामना करते हुए रखती हैं. वहीं कुछ कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत रख लेती हैं. आजकल कुंवारी लड़कियों द्वारा यह व्रत रखने का चलन तेजी से बढ़ रहा है, हालांकि पहले केवल सिख समुदाय की कुंवारी लड़कियां ही करवा चौथ का व्रत करती थीं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सभी कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ का व्रत रखना उचित है या नहीं.
क्यों नहीं करना चाहिए कुंवारी लड़कियों को यह व्रत
सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ रखना बहुत शुभ होता है. यह पति के साथ उनके रिश्ते को मजबूत करता है. पति के मन में भी पत्नी के लिए प्यार और सम्मान को बढ़ाता है लेकिन कुंवारी लड़कियों के लिए यह व्रत रखना उचित नहीं है क्योंकि ना तो उनके पास पति होता है और ना ही सास. इससे ना तो उन्हें व्रत की शुरुआत करने के लिए सरगी मिलेगी और ना ही वे बिना शादी के सोलह श्रृंगार कर पाएंगी. ऐसे में व्रत पूरा ही नहीं होगा. लिहाजा व्रत करने का कोई मतलब नहीं है.
कुंवारी लड़कियों को हो सकता है नुकसान
ऐसी लड़कियां जिनकी शादी तय हो गई है या जो अपने प्रेमी के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही हैं, उनके लिए भी व्रत करना उचित नहीं है. दोनों ही स्थितियों में वे ना तो सोलह श्रृंगार कर पाएंगी और ना ही वे बिना वैवाहिक रस्मों के उन्हें अपना पति मान पाएंगी. फेरे होने के बाद ही पत्नी अपने पति के लिए व्रत रख सकती है.
इसके अलावा यह कठिन व्रत रखने से लड़कियां अपने प्रेमी या मंगेतर से इमोशनल तौर पर बहुत जुड़ जाती हैं. ऐसे में उनसे रिश्ता टूटने पर या कहीं और शादी हो जाने पर वे डिप्रेशन जैसी स्थिति का शिकार हो सकती हैं. लिहाजा कहा गया है कि इस कठिन व्रत को कुंवारी लड़कियों को नहीं करना चाहिए.
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