जानिए भाजपा किन बिंदुओं पर उत्तराखंड में करेगी दावेदारों की परख,पैनल तैयार करने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशियों के चयन को लेकर भाजपा ने कसरत शुरू कर दी है। इस सिलसिले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में दावेदारों का पैनल तैयार करने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। पर्यवेक्षकों को विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर पांच जनवरी तक सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद विस क्षेत्रवार दावेदारों का पैनल पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा।
पिछले विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल कर सत्तासीन हुई भाजपा को इस बार प्रत्याशी चयन में खासी माथापच्ची करनी पड़ेगी। पिछले चुनाव में पार्टी ने विधानसभा की 70 में से 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में वर्तमान विधायक तो टिकट की दौड़ में हैं ही, इस बीच सभी विधानसभा क्षेत्रों में दावेदारों की लंबी फौज भी सामने आई है। इस सबको देखते हुए प्रदेश भाजपा ने प्रत्याशी चयन को लेकर कवायद प्रारंभ कर दी है।
पार्टी ने सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के 37 प्रांतीय और वरिष्ठ पदाधिकारियों को बतौर पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। ये सभी अपने-अपने आवंटित विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर पैनल तैयार करेंगे। इसके लिए वे विधानसभा क्षेत्रों में रहने वाले प्रांतीय पदाधिकारियों से लेकर शक्ति केंद्र स्तर तक के पदाधिकारियों समेत अन्य नेताओं से वार्ता करेंगे।
पर्यवेक्षक इनसे करेंगे वार्ता
विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले प्रांतीय पदाधिकारी, मोर्चों के प्रांतीय पदाधिकारी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, जिले के पदाधिकारी, मोर्चों के अध्यक्ष व महामंत्री, मंडलों के पदाधिकारी, पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व प्रांतीय पदाधिकारी, पूर्व विधायक, सांसद, विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख, नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्ष, शक्ति केंद्रों के संयोजक।
इन बिंदुओं पर होगी परख
दावेदार की क्षेत्र में छवि, जीतने की क्षमता, क्षेत्र में सक्रियता, पार्टी के प्रति निष्ठा, कार्यकर्त्ताओं पर पकड़ आदि
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि प्रत्याशियों के चयन के मद्देनजर ही पैनल तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। सभी पर्यवेक्षक विधानसभा क्षेत्रवार दावेदारों की सूची सीलबंद लिफाफे में सौंपेंगे। फिर इन्हें केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा। टिकट किसे देना है किसे नहीं, इस पर निर्णय लेने का काम पार्टी के संसदीय बोर्ड का है।
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