जानिए क्यों कांग्रेस में हरक सिंह की वापसी की राह आसान नहीं , हरीश रावत ने रखी है ये शर्त
कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत के तेवरों से सरकार और सत्तारूढ़ दल सकते में हैं। इन तेवरों की वजह से उनके कांग्रेस में जाने की अफवाह भले ही जोर पकड़ें, लेकिन प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी में उनकी वापसी की राह आसान नहीं होगी। हरक के कांग्रेस में आने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि जो आना चाहे दरवाजे खुले हैं, बशर्ते पांच साल पहले किए गए कार्य के लिए जनता से माफी मांगें।
प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत अब पार्टी के चुनाव प्रचार में निर्णायक भूमिका में हैं। ऐसे में हरक सिंह रावत को लेकर उनकी टिप्पणी के निहितार्थ निकाले जाने लगे हैं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के मौके पर पार्टी हाईकमान से मिले वरदहस्त के बाद हरीश रावत की रजामंदी ऐसे किसी भी मामले में बेहद जरूरी होगी।
दरअसल पिछली कांग्रेस सरकार में बगावत का झंडा बुलंद करने में हरक सिंह रावत की भूमिका को हरीश रावत अब तक भुला नहीं सके हैं। इसे जाहिर करने से उन्होंने कभी गुरेज भी नहीं किया। हालांकि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने जिसतरह बीते रोज कैबिनेट बैठक को बीच में छोड़कर सरकार और सत्तारूढ़ दल की किरकिरी कराई, उसे देखते हुए उनके कांग्रेस में वापसी करने के कयास लगाए जाने लगे थे। हालांकि हरक सिंह रावत ऐसी किसी भी संभावना से साफ इन्कार करते रहे हैं।
हरक के भाजपा सरकार को लेकर रवैये को देखते हुए कांग्रेस में भी हिचक स्वाभाविक रूप से देखी जा रही है। इसी वजह से हरक सिंह रावत से संबंधित सवाल के जवाब में हरीश रावत ने भाजपा पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि भाजपा में एक ही रावत कांग्रेस की तरफ नहीं देख रहे हैं।
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