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जानिए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में कैसे होगा भीड़ प्रबंधन,पड़ावों पर श्रद्धालुओं की संख्या का चल सकेगा पता

चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने की तिथियां तय होने के साथ ही पर्यटन विभाग आने वाले यात्राकाल की तैयारियों में जुट गया है। इस कड़ी में निगरानी और भीड़ प्रबंधन के दृष्टिगत टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (टीएसएमएस) तैयार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को क्यूआर कोड युक्त रिस्ट बैंड दिए जाएंगे।

इसमें श्रद्धालुओं का पूरा ब्योरा भी होगा। दोनों धामों के पैदल यात्रा मार्गों के पड़ावों के प्रवेश व निकास द्वार लगे कियोस्क में यह रिस्ट बैंड स्कैन होंगे। इससे यह पता चल सकेगा कि किस पड़ाव में कितने लोग आए और कितने आगे निकल गए हैं। यदि कहीं क्षमता से ज्यादा भीड़ बढ़ती है तो पहले के पड़ावों पर यात्रियों को रोका जा सकता है.

जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद से चारधाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए भीड़ प्रबंधन और निगरानी तंत्र को सशक्त बनाने पर जोर दिया जा रहा है। यद्यपि, चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण आदि की व्यवस्था है, लेकिन यह प्रभावी साबित नहीं हो पा रही। ऐसे में निगरानी और भीड़ प्रबंधन में दिक्कतें आना स्वाभाविक है। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग टीएसएमएस तैयार करने में जुटा है।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार निगरानी व भीड़ प्रबंधन के मद्देनजर यात्रा मार्गों (पैदल व सड़क) पर 14 जगह कियोस्क स्थापित किए जा रहे हैं। प्रवेश और निकास वाले स्थानों में लगे कियोस्क के कैमरे देहरादून में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। इससे पता चलेगा कि किस स्थान पर कितने यात्री अथवा वाहन हैं। फिर इनकी संख्या के हिसाब से प्रबंधन में मदद मिलेगी। इन दिनों इस योजना को धरातल पर उतारने के मद्देनजर ट्रायल चल रहा है।

जावलकर ने बताया कि टीएसएमएस के अंतर्गत केदारनाथ व यमुनोत्री की पैदल यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को क्यूआर कोड युक्त रिस्ट बैंड देने की योजना है। केदारनाथ यात्रा के पहले पड़ाव गौरीकुंड और यमुनोत्री के पहले पड़ाव जानकीचट्टी में श्रद्धालुओं को रिस्ट बैंड देने की व्यवस्था रहेगी। क्यूआर कोड स्कैन होते ही यात्री का संपूर्ण ब्योरा स्क्रीन पर होगा। यात्रा पड़ावों के प्रवेश व निकास द्वारा लगे कियोस्क में रिस्ट बैंड स्कैन होंगे। इससे ये जानकारी मिलती रहेगी कि किस पड़ाव में कितने यात्री हैं। यह आंकड़ा भी मिलेगा कि दोनों धामों में आने वाले यात्रियों की वास्तविक संख्या क्या रही। उन्होंने बताया कि इस संबंध में भी ट्रायल चल रहा है।

कियोस्क में भी करा सकेंगे पंजीकरण

सचिव पर्यटन के अनुसार विभिन्न स्थानों पर स्थापित होने वाले कियोस्क से न सिर्फ निगरानी होगी, बल्कि इनमें यात्री अपना पंजीकरण भी कर सकेंगे। इसके लिए वे या तो स्वयं अपना ब्योरा भरेंगे या फिर कियोस्क पर तैनात कर्मचारी की मदद ले सकेंगे। पंजीकरण कराने पर यात्री को क्यूआर कोड युक्त दस्तावेज मिलेगा। इससे यात्रियों की सही संख्या का आकलन हो सकेगा।

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