ग्रामीण शिल्पकारों द्वारा तैयार की गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी का शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से परंपरागत शिल्प और कौशल को नई ऊर्जा देने का हमारा संकल्प है। यह योजना देश के सदियों पुराने पारंपरिक कौशल का उपयोग करते हुए विकसित भारत के सपने को साकार करने का एक संपूर्ण रोडमैप है। इस कौशल में अनुसूचित जाति, जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग समाज की विशेष भागीदारी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि इन समुदायों के कारीगर उद्यमी बनें और देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दें। प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के किसानों को प्रगति का नायक बताते हुए आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समृद्धि के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
वर्धा के स्वावलंबी मैदान में पीएम विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल डॉ. सी.पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अमरावती में पीएम मित्रा पार्क का ई-भूमिपूजन किया और आचार्य चाणक्य कौशल विकास केंद्र योजना व पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होळकर महिला स्टार्टअप योजना का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्धा को कार्यक्रम के लिए चुनने का कारण बताते हुए कहा कि महात्मा गांधी द्वारा अस्पृश्यता के खिलाफ चलाए गए अभियान की शुरुआत 1932 में इसी दिन हुई थी, जो कि वर्धा में ही हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना देश के सदियों पुराने पारंपरिक कौशल का सम्मान और उपयोग कर रही है, जिसमें विशेषकर शिल्पकला, धातुशिल्प, और वस्त्र उद्योग शामिल हैं। अंग्रेजों ने हमारे स्वदेशी कौशल को नष्ट किया था, लेकिन गांधी जी ने वर्धा से ग्रामीण उद्योग को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया। स्वातंत्र्योत्तर भारत में बलुतेदारी समुदाय की उपेक्षा की गई, जिससे देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हुई। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत अब इन कारीगरों को उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता दी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देशभर में 700 से अधिक जिले, 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें और हजारों स्थानीय शहरी निकाय इस अभियान को सफल बनाने के लिए कार्यरत हैं। अब तक 10 लाख से अधिक लोग इस योजना से जुड़े हैं, जिनमें 8 लाख शिल्पकारों को कौशल प्रशिक्षण मिला है। इसमें केवल महाराष्ट्र से ही 60,000 से अधिक कारीगर शामिल हैं। इस योजना के तहत उन्हें आधुनिक और डिजिटल तकनीकों से जोड़ा जा रहा है।
औद्योगिक विकास को मिलेगी नई दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने अमरावती में पीएम मित्रा पार्क के निर्माण को एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि विदर्भ क्षेत्र के उच्च गुणवत्ता वाले कपड़े अब विदेशों में निर्यात होंगे, जिससे स्थानीय किसानों को समृद्धि प्राप्त होगी। अमरावती पार्क में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि वैनगंगा-नलगंगा योजना से विदर्भ क्षेत्र में 10 लाख एकड़ भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी।
कारीगरों के लिए आर्थिक प्रगति का माध्यम
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पीएम विश्वकर्मा योजना की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह योजना परंपरागत व्यवसाय करने वाले गरीब और वंचित कारीगरों की आर्थिक प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अमरावती में पीएम मित्रा पार्क से वस्त्र उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और महिला स्टार्टअप योजनाओं से राज्य की महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक प्रगति मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना ने कारीगरों के जीवन में बड़ा परिवर्तन किया है। योजना के तहत महाराष्ट्र में 1.46 लाख कारीगरों का पंजीकरण किया गया है, जिन्हें आधुनिक उपकरणों के लिए 5% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया गया है।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़े 1 लाख कारीगरों को पहचान पत्र, प्रमाण पत्र और डिजिटल कौशल प्रमाणपत्र वितरित किए। उन्होंने देशभर के 75,000 कारीगरों को ऋण वितरण भी आभासी रूप से किया।
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