Religious

गुरू के उदय होने के बाद भी नहीं कर सकेंगे ये शुभ कार्य, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

मकर राशि में इस वक़्त गुरू ग्रह विराजमान हैं। जहां पर शनि भी उनके साथ उपस्थित हैं। बृहस्पति को देवताओं का गुरू होने का सौभाग्य मिलता है। गुरू ग्रह 19 जनवरी को अस्त हो गए थे। प्रथा है कि जब गुरू अस्त हो जाते हैं तो मांगलिक एवं विवाह संबंधी कामों पर रोक लग जाती है। गुरू अस्त होने पर इन कामों को करने से शुभ फल नहीं मिलते हैं।

गुरू कब हो रहे हैं उदित:
16 फरवरी को देव गुरू बृहस्पति अस्त से उदित हो रहे हैं। गुरू 16 फरवरी 2021 मंगलवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर उदित हो जाएंगे।

शुक्र अस्त कब हो रहा है:
गुरू उदित होने के साथ शुक्र ग्रह अथवा शुक्र तारा अस्त हो रहा है। पंचांग के मुताबिक, 16 फरवरी मंगलवार को सुबह 06 बजकर 34 मिनट पर अस्त हो जाएगा। शुक्र 61 दिनों तक अस्त रहेगा। 17 अप्रैल 2021 शनिवार के दिन को शाम 07 बजकर 13 मिनट पर शुक्र उदित होगा।

शुक्र अस्त होने की वजह से शुभ एवं मांगलिक कार्य नहीं होंगे:
प्रथा है कि विवाह संबंधी कामों में शुक्र ग्रह की खास भूमिका मानी गई है। शादी के लिए शुक्र एवं गुरू का उदित रहना जरुरी है। इसलिए अब विवाह संबंधी कार्य शुक्र के उदित होने के पश्चात् ही संभव हो सकेंगे। शुक्र उदित होने के पश्चात् इन तिथियां में विवाह का मुहूर्त बना हुआ है।

Related Articles

Back to top button