Uttar Pradesh

गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ, कहा-लोकतंत्र में किसी की उपेक्षा नहीं की जा सकती

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से गुरु नानक देव के 552वें प्रकाशोत्सव पर डीएवी कालेज मैदान में आयोजित प्रकाशोत्सव पर में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुंदेलखंड से पहले हमने कहा कि एक मिनट के लिए ही जाऊंगा, लेकिन जाऊंगा जरूर। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर शुक्रवार को सुबह आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। यह कृषि कानून चाहे जैसे भी रहे हों इसका विरोध हुआ है तो लोकतंत्र में हम इस आवाज की अनसुनी नहीं कर सकते हैं। यह हमारी कमी थी कि हम सही चीज समय पर उन तक पहुंचाने में कामयाब नहीं हुए। अब आपसी समन्वय से बातचीत से इन समस्याओं का समाधान करेंगे। लोकतंत्र की यह सबसे बड़ी ताकत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म के इतिहास के बगैर भारत का इतिहास अधूरा है। इस प्रकार के आयोजन केवल सिख समुदाय तक सीमित न रखकर पूरे भारत में मनाना चाहिए।

कहा, गुरु नानक देव सिद्धपुरुष थे, पर अपनी सिद्धि का उन्हें कोई अहंकार नहीं था। बाबर को जाबर कहने का साहस उस कालखंड में गुरु नानक देव ही कर सकते थे। हम सब को सिख गुरुओं के महान तप, साधना, सिद्धि और देश धर्म के लिए किए गए कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी प्रेरणा हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंग बग्गा, महापौर संयुक्ता भाटिया, विधायक सुरेश चंद्र तिवारी, अल्प संख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह, उप्र सिंधी अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चंद लखमानी और सतपाल सिंह मीत सहित सिख समाज के लाेग शामिल हुए।

गुरु नानकदेव ने शुरू किया था लंगर : लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि गुरु नानक देव को उनके पिता जी कल्यानचंद उर्फ मेहता कालू जी ने 20 रुपये बिजनेस के लिए दिए थे, लेकिन उन्होंने उस 20 रुपये में लोगों को भोजन करा दिया था। पिता जी ने सच्चा सौदा करने की बात कही थी और नानक देव ने भूखे को भोजन कराने की परंपरा का निर्वहन कर सबसे बड़ा सौदा कर दिया। उसके बाद से गुरुद्वारों में लंगर की परंपरा शुरू हुई। 1898 में स्थापित गुरुद्वारा नाका हिंडोला में हर दिन दोपहर एक बजे गरीबों को यह भोजन बांटा जाता है। गुरु पर्व हो या न हो यहां हर दिन एक बजे गुरु के नाम पर लंगर सेवा होती है। परसादा (रोटी) बनाने के लिए मशीन का इस्तेमाल होता है। गुरुनानक देव के प्रकाशोत्सव पर डीएवी कालेज परिसर और आशियाना में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया गया। आशियाना गुरुद्वारे के चेयरमैन जेएस चड्ढ़ा ने बताया कि एसजीपीजीआई की ओर से रक्तदान शिविर भी लगाया गया।

गुरु ग्रंथ साहिब पर हुई फूलों की बारिश : गुरुद्वारा यहियागंज में सजे दरबार में गुरु ग्रंथ साहिब पर फूलों की बारिश की गई। श्री दरबार साहिब अमृतसर से आए ज्ञानी गुरमिंदर सिंह रागी भाई कुलदीप सिंह, रागी भाई दलबीर सिंह ने शबद सुनकार निहाल किया। सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि देर रात फुलों की वर्षा की गई। गुरुद्वार के अध्यक्ष डा.गुरमीत सिंह ने संगतों को सम्मानित किया। गुरुद्वारा मानसरोवर कानपुर रोड पर प्रकाशोत्व पर विशेष दीवान सजाया गया। गुरुद्वारे के अध्यक्ष संपूर्ण सिंह बग्गा ने बताया कि विशेष दीवान के साथ ही सुरक्षा के चलते लंगर के बजाय गरीबों को कच्चा राशन दिया गया। गुरुद्वारा आलमबाग के प्रवक्ता हरजीत सिंह ने बताया कि अध्यक्ष निर्मल सिंह के संयोजन में विशेष दीवान सजाया गया। गुरुद्वारा राजाजीपुरम में डॉ.सत्येंद्र पाल सिंह के संयोजन में दीवान सजाया गया। गुरुद्वारा इंदिरानगर के प्रवक्ता जसवंत सिंह ने बताया कि प्रकाश पर्व पर सुरक्षा के साथ आयोजन हुआ। गुरुद्वारा आशियाना, चंदरगनर, पटेलनगर, लाजपतनगर, नानक प्याऊं, निशातगंज, सिंगारनगर, लालबाग,गोमतीनगर, वीआइपी रोड व लालकुआं समेत सभी गुरुद्वारों में भी सुरक्षा के साथ प्रकाश हुआ।

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