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एचडीएफसी बैंक के शेयरों में लगातार गिरावट, ब्रोकरेज फर्म ने भी घटा दिए टारगेट प्राइस

भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC bank stock) के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। मार्च तिमाही की उम्मीद से कम आय की रिपोर्ट के बाद कुछ ब्रोकरेज ने एचडीएफसी बैंक के शेयरों पर अपना टारगेट प्राइस कम कर दिया है। कमाई में निराशा और टारगेट प्राइस में कटौती के कारण स्टॉक लगातार 9वें ट्रेडिंग सेशंस में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। आज एचडीएफसी बैंक के शेयर BSE पर लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,364.15 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं। वहीं, HDFC के शेयर में आज 2.96% की गिरावट है और कंपनी के शेयर 2196.15 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं। इससे पहले सोमवार को एचडीएफसी बैंक का स्टॉक 4.7% की गिरावट के साथ ₹1,395.35 पर बंद हुआ। पिछले पांच ट्रेडिंग सेशंस में HDFC बैंक के शेयर लगभग 9% से ज्यादा गिर चुका है।

ब्रोकरेज ने घटाए टारगेट प्राइस
अधिकांश ब्रोकरेज ने ‘खरीद’ रेटिंग बनाए रखी है लेकिन टारगेट प्राइस घटा दिए हैं। इकोनाॅमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नोमुरा ने ‘खरीद’ रेटिंग बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस को ₹1,955 से घटाकर ₹1,705 कर दिया है। वहीं, यस सिक्योरिटीज ने बैंक पर ‘ऐड’ रेटिंग बरकरार रखी है, लेकिन टारगेट प्राइस को 1,900 रुपये से घटाकर 1,668 रुपये कर दिया है।

एडलवाइस ने ‘खरीद’ को बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस को ₹2,000 से घटाकर ₹1,860 कर दिया है। जबकि एमके ग्लोबल ने टारगेट प्राइस को 2,050 रुपये से घटाकर 1,950 रुपये कर दिया। CLSA ने एचडीएफसी बैंक पर ‘बाय’ रेटिंग बनाए रखी है, लेकिन उन्होंने एचडीएफसी बैंक की तुलना में आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और एसबीआई के शेयरों को तरजीह दी है। 

वहीं, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि बड़े बैंकों के बीच स्टॉक के आउटपरफॉर्मर होने की संभावना नहीं है। कोटक इंस्टीट्यूशनल ने कहा, “हम फिर से एक ऐसे बिंदु पर हैं जहां विलय के दौरान और अनिश्चितताएं पैदा होने पर डी-रेटिंग का जोखिम अधिक है।”

शेयरों में गिरावट की वजह
ब्रोकरेज ने कहा कि नेट इंटरेस्ट मार्जिन में गिरावट निराशाजनक कारक है। ब्रोकरेज फर्म की मानें तो विलय को लेकर अनिश्चितता का असर आगे चल रहे शेयर पर पड़ सकता है। कंपनी का Q4 रिजल्ट भी निराशाजनक रही है। 

रवि सिंह-वाइस प्रेसिडेंट और हेड ऑफ रिसर्च-शेयरइंडिया ने लाइव मिंट से कहा कि Q4 में एचडीएफसी बैंक की वृद्धि हर सेगमेंट के प्रोडक्ट्स में देखी गई। एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय से बैंक को लंबी अवधि में फायदा होने वाला है। हालांकि, व्यापक सूचकांकों में ओवरऑल करेक्शन के कारण एचडीएफसी बैंक में भी कुछ मुनाफावसूली देखी जा रही है। निकट भविष्य में 1,650 रुपये के टारगेट प्राइस लिए निवेशक 1,350 के स्तर के आसपास स्टॉक में निवेश कर सकते हैं।

निवेशकों को हुआ तगड़ा नुकसान
अगर फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के बाजार वैल्युएशन में गिरावट को संख्या को  देखा  जाय, तो 4 अप्रैल से लेकर अब तक निवेशकों की संपत्ति में बड़ी गिरावट आई है। बजाज फिनसर्व के मार्केट कैप के बराबर निवेशकों की संपत्ति हो गई है। बता दें कि कि एचडीएफसी ग्रुप के शेयरों में विलय की घोषणा के बाद से ही बिकवाली हावी है। 

मंगलवार के इंट्राडे ट्रेड में HDFC  बैंक का बाजार वैल्यू 7,51,421 करोड़ रुपये था। दूसरी ओर, एचडीएफसी का मार्केट कैप गिरकर 3,92,093.78 करोड़ रुपये हो गया है। मार्केट कैप के हिसाब से एचडीएफसी ज्वाइंट तीसरे स्थान पर हैं। टीसीएस (12,89,011 करोड़ रुपये) दूसरे स्थान पर और रिलायंस इंडस्ट्रीज (17,81,205 करोड़ रुपये) नंबर पर है। जहां तक ​​एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय की बात है तो एचडीएफसी बैंक के प्रत्येक 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि इस डील को पूरा होने में 18 महीने लगेंगे। एचडीएफसी बैंक के लिए, उम्मीद से कम तिमाही आय का भी निकट अवधि में उसके स्टॉक की संभावनाओं पर असर पड़ा।

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