एक किलो प्याज की कीमत 900 रुपये हो गया, मीट से तीन गुना ज्यादा है इसके दाम यहां पर ..
भारत में प्याज तो कई बार लोगों के आंसू निकाल चुका है। यहां तक की सरकार भी बदल चुका है, लेकिन एक ऐसा देश है जहां, प्याज की कीमत मीट से तीन गुना भाव पर बिक रहा है। यहां बात न तो श्रीलंका की हो रही है और न ही पाकिस्तान की, जिनकी आर्थिक स्थिति बदतर है। यह देश है फिलीपींस।
900 रुपये हो गया एक किलो प्याज की कीमत
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलीपींस में एक किलो प्याज का दाम इस हफ्ते 11 डॉलर यानी करीब 900 रुपये हो गया है। जबकि, एक किलो चिकन की कीमत चार डॉलर या लगभग तीन सौ रुपए ही है। वहीं, भारत में प्याज की कीमत 20 रुपये किलो है।
फिलीपींस में प्याज की कीमतों ने तो चिकन और बीफ के दामों को भी पीछे छोड़ दिया है। प्याज का यह दाम फिलीपींस के किसी औसत मजदूर की एक दिन की मजदूरी से भी ज्यादा है। जनवरी की शुरुआत में फिलीपींस में तीन लाख 10000 डॉलर के प्याज की खेप पकड़ी गई थी। ये प्याज कपड़ों के नाम पर चीन से तस्करी करके लाया जा रहा था।
प्याज के दाम में आग लगने की वजह
फिलीपींस में प्याज के दाम में आग लगने की कम से कम दो बड़ी वजहें हैं। कृषि विभाग द्वारा प्याज के उत्पादन के जारी पूर्वानुमान से उत्पादन कम हुआ और प्याज की फसल भयंकर समुद्री तूफान के कारण आशंका से कहीं अधिक खराब हो गई। इसके प्याज का आयात तब शुरू किया गया, जब देश में हाहाकार मच गया।
निया के प्याज सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियों में तीसरे नंबर पर
बता दें फिलीपींस में जितना प्याज पैदा होता है, वहां के लोग उससे कहीं ज्यादा खाते हैं। यहां जो प्याज होता है, वो ज्यादा दिन टिकता नहीं है। दुनिया के प्याज सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियों में तीसरे नंबर पर है, जबिक, दुनिया में सबसे आधिक मात्रा में उगाई जाने वाली सब्जियों में भी प्याज तीसरे पायदान पर आता है। प्याज से अधिक खीरा और टमाटर ही उगाए जाते हैं।
दिल्ली में प्याज ने गिराई सरकार
भारत में प्याज और राजनीति का यह रिश्ता पुराना है। कई पार्टियां बीते दौर में राष्ट्रीय राजधानी में प्याज का रुतबा देख चुकी हैं। प्याज ने केंद्र की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी को भी रुलाया है। साल 1998 में पार्टी को दिल्ली राज्य की सत्ता गंवानी पड़ी थी। इस साल दिल्ली में प्याज के दाम 60 रुपये किलो तक चले गए थे।विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्याज की महंगाई का मुद्दा जब गरमाया तो बीजेपी ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को हटाकर सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन सत्ता नहीं बची और विधानसभा चुनाव में उसे मुंह की खानी पड़ी।
इंदिरा गांधी को प्याज ने दिलवाई थी सत्ता
1980 में प्याज की महंगाई चुनावी मुद्दा बनी। इसके बाद हुए चुनाव में इंदिरा 1980 में लोकसभा चुनाव जीतकर दोबारा सत्ता में आईं थी। कहा जाता है कि जनता पार्टी की सरकार भले ही अपनी वजहों से गिरी हो, लेकिन कांग्रेस ने उसके बाद का चुनाव प्याज की वजह से जीत लिया। इसके अलावा अटल बिहारी बाजपेयी की सत्ता को भी प्याज ने हिलाया था।
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