Uttarakhand

आइआइटी रुड़की में एक करोड़ रुपये गबन करने के मामले में पुलिस ने आरोपित को किया गिरफ्तार

आइआइटी रुड़की में एक करोड़ रुपए से ज्यादा का गबन करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। आरोपित धीरज कुमार उपाध्याय मूल रूप उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पटेरहा थाना का रहने वाला है। वर्तमान में वो रुड़की के भंगेड़ी गांव में रह रहा था। पर, मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वो फरार चल रहा था। पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी थी।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपित ने पूछताछ में बताया कि वह आइआइटी डीन आफिस में सीनियर असिस्टेंट क्लर्क था। 2017 से वो संस्थान की धनराशि अपने खाते में ट्रांसफर कर रहा था। फिलहाल, उसके खाते में 20 लाख रुपए जमा है, जिन्हें होल्ड करवा दिया गया है।

आपको बता दें कि 11 दिसंबर 2020 को आइआइटी के कर्मचारी प्रशांत गर्ग ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उनके संस्थान के एक कर्मचारी धीरज उपाध्याय ने बैंक खातों में धोखाधड़ी कर 13 बैंक की ट्रांजैक्शन के जरिए एक करोड़ पांच लाख 35 हजार 753 हजार का गबन कर अपने खाते में स्थानांतरित कर लिए थे। तहरीर के आधार पर सिविल लाइन कोतवाली पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। सिविल लाइन कोतवाली पहुंचे डीआइजी डा. योगेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है।

दस लाख की स्मैक के साथ तीन गिरफ्तार 

कोतवाली गंग नहर पुलिस ने लगभग दस लाख की स्मेक के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनमें वसीम निवासी शाहपुर, योगेश कुमार निवासी जहाजगढ़, इमरान निवासी नन्हेड़ा थाना भगवानपुर हैं, जिनके खिलाफ गंग नहर कोतवाली पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। आरोपितों को पकड़ने वाली टीम में पुलिस क्षेत्राधिकारी विवेक कुमार गंगनहर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह वरिष्ठ उप निरीक्षक संतोष पेटवाल, लक्ष्मण सिंह कुंवर, संदीप कुमार, जितेंद्र, सुरेंद्र पाल, सुरेंद्र, चेतन सिंह का दी टीम में शामिल है। गौरतलब है कि डीआईजी डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने सिविल लाइन कोतवाली में एक प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी है।

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