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अमेज़ॅन और फ्यूचर ग्रुप की कानूनी लड़ाई पहुंची सुप्रीम कोर्ट, जानिए पूरा मामला

लीडिंग ई-कॉमर्स वेबसाइट Amazon.com ने अब फ्यूचर ग्रुप-रिलांयस डील के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। समाचार एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है। एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक तीन सूत्रों ने गुरुवार को कंपनी को यह जानकारी दी। इस तरह Amazon ने अपने पार्टनर फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच को डील को रोकने के लिए अपने प्रयासों को और तेज कर दिया है। Amazon का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को अपना रिटेल बिजनेस बेचने की घोषणा कर उसके साथ हुए अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया है। हालांकि, Future Group इन आरोपों से इनकार करता रहा है।

Amazon ने इस डील को रोकने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। हालांकि, हाल में हाई कोर्ट से उसे बड़ा झटका लगा। इसके बाद अमेरिका की कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। तीन सूत्रों के हवाले से रायटर्स ने यह रिपोर्ट दी है।  

जानिए पूरा मामला

अगस्त, 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और अन्य कारोबार को रिलायंस इंडस्ट्रीज को 24,713 करोड़ रुपये में बेचने का ऐलान किया था। इसके बाद यह पूरा घटनाक्रम शुरू हुआ। इस डील का अमेजन ने यह कहते हुए विरोध किया कि 2019 में फ्यूचर ग्रुप-अमेजन के बीच हुई डील में यह शर्त है कि भारतीय कंपनी यानी फ्यूचर ग्रुप अपना रिटेल बिजनेस रिलायंस इंडस्ट्रीज सहित प्रतिबंधित व्यक्तियों की एक सूची में शामिल किसी को भी नहीं बेच सकती है।  

अमेजन ने इस मामले को सिंगापुर स्थित एक मध्यस्थतता मंच पर चुनौती दी। इस पर उसे मध्यस्थतता मंच से अंतरिम राहत मिल गई। इसके बाद Amazon ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि फ्यूचर-रिलायंस डील को होल्ड करने संबंधी मध्यस्थतता मंच के फैसले को लागू किया जाना चाहिए। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट के एक एकल बेंच ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया। हालांकि, दो जजों की एक पीठ ने हाई कोर्ट के फैसले को सोमवार को पलट दिया। इसके बाद अब Amazon ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 

इस मामले में फैसले का असर

भारत का रिटेल मार्केटप्लेस तेजी से फैल रहा है। अब दुनियाभर की दिग्गज कंपनियां इस मार्केटप्लेस पर अपना दबदबा कायम करना चाहती हैं। फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनेस से जुड़ी डील को लेकर जारी कानूनी लड़ाई के फैसले से भारतीय रिटेल मार्केट के भविष्य को नई दिशा मिलेगी। यही वजह है कि सभी विश्लेषकों की निगाहें इस डील पर लगी हुई हैं।    

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