Sports

अक्टूबर में घरेलू क्रिकेट सत्र हो सकता है शुरू, BCCI ने बनाए दो तरह के प्रस्ताव

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने 2021-22 के घरेलू सत्र को एक अक्टूबर से शुरू करने की योजना बनाई है। बीसीसीआइ ने दो तरह के प्रस्ताव (पेनडेमिक और नान पेनडेमिक) बनाए हैं। अगर कोरोना महामारी का प्रभाव टूर्नामेंट पर पड़ता है तो उस स्थिति में क्या होगा और नहीं पड़ता है तो फिर किस तरह से इसके आयोजन कराए जाएंगे।

अगर कोरोना महामारी का प्रभाव नहीं रहता है तो एक अक्टूबर से 12 अप्रैल के बीच सभी घरेलू टूर्नामेंट के कुल 1971 मैचों का आयोजन होगा। अगर कोरोना महामारी का असर होता है जिसकी संभावना ज्यादा है तो 15 अक्टूबर से 20 अप्रैल के बीच कुल 1487 घरेलू मैच कराए जाएंगे। हालांकि अभी इसमें पदाधिकारियों की मुहर लगना बाकी है। मालूम हो कि बीसीसीआइ पिछले सत्र में सिर्फ मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी का ही आयोजन करा सका था। बाकी टूर्नामेंट नहीं होने के कारण जूनियर क्रिकेटरों का बहुत नुकसान हुआ।

नए प्रस्ताव के तहत अगर महामारी की स्थितियां काबू में रहती हैं तो पुरुष सीनियर्स की सैयद मुश्ताक अली (टी-20), विजय हजारे ट्राफी (वनडे), रणजी ट्राफी, अंडर-23 वनडे और सीके नायुडू ट्राफी (बहुदिवसीय) के अलावा अंडर-19 के तीनों, अंडर-16 के एक, महिला सीनियर्स के चारों, महिला अंडर-23 के दो, अंडर-19 के तीन व विज्जी ट्राफी कराई है। अगर महामारी की परिस्थितियां बनी रहती हैं तो भी यह सभी टूर्नामेंट आयोजित होंगे लेकिन उनके ग्रुप बढ़ा दिए जाएंगे जिससे कोरोना का खतरा कम रहे।

महामारी की परिस्थिति बनी रहने पर-घरेलू टीमों को छह ग्रुपों में बांटा जाएगा-हर टूर्नामेंट के लिए सात दिनों का क्वारंटाइन रहेगा-रणजी, सीके नायुडू, कूच बिहार, वनडे में ग्रुप की शीर्ष टीमें सीधे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करेंगी। एलीट ग्रुप की दो और ज्यादा अंकों वाली टीमें क्वार्टर फाइनल में जाएंगी-टी-20 टूर्नामेंट में छह ग्रुप होंगे। इसमें क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल 2020-21 सत्र की तरह रहेंगे।

Related Articles

Back to top button