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रूस के दावे को भारत ने किया खारिज,रूस ने कहा कि यूक्रेन भारतीयों को बना रहा मानव ढाल

यूक्रेन में भारतीयों को बंधक बनाकर मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल किए जाने के रूस के दावे पर भारत ने भी सवाल उठा दिए हैं। रूस ने बुधवार को यूक्रेन के अधिकारियों पर खारकीव में भारतीय छात्रों को बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया था। रूस का कहना था कि यूक्रेन के अधिकारी भारतीयों को ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि भारत ने रूस के इन दावों को खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमें खारकीव में किसी भी छात्र को बंधक बनाए जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है। 

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘हमने यूक्रेन की अथॉरिटीज से मांग की है कि वे भारतीय छात्रों को खारकीव से निकालने के लिए स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था करें ताकि वे देश की सीमाओं पर जा सकें अथवा पश्चिमी हिस्से में पहुंच सकें।’ भारतीय विदेश मंत्रालय का यह बयान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बात से अलग है, जिसमें उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत में कहा था कि यूक्रेन में अथॉरिटीज भारतीय छात्रों को बंधक बना रही हैं। यही नहीं उनका कहना था कि यूक्रेन की ओर से रूस के हमले से बचने के लिए भारतीय छात्रों का इस्तेमाल ह्यूमन शील्ड के तौर पर किया जा रहा है।

 खारकीव में बीते दो दिनों से रूस की ओर से जोरदार हमला हो रहा है। लगातार बम बरसाए जा रहे हैं और गोलीबारी चल रही है। गोलीबारी की ही एक घटना में खारकीव में भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत ने रूस और यूक्रेन के राजदूतों से बात कर भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी। भारत सरकार का कहना है कि खारकीव, सूमी और पूर्वी यूक्रेन के अन्य कुछ शहरों में करीब 4,000 भारतीय हैं। बुधवार को भारत सरकार की ओर से अपील की गई थी कि खारकीव में मौजूद सभी भारतीय छात्र तत्काल वहां से निकल जाएं और किसी भी तरह यूक्रेन के पश्चिमी हिस्सों में पहुंच जाएं। 

अब तक 17,000 भारतीय यूक्रेन से वापस लौटे

अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय दूतावास यूक्रेन में मौजूद भारत के लोगों के संपर्क में है। तमाम लोगों ने खारकीव छोड़ दिया है। भारत सरकार की ओर से रूस, रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोलडोवा जैसे देशों से संपर्क कर लोगों को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 17,000 भारतीय यूक्रेन से वापस आ चुके हैं। भारत सरकार की ओर से काफी पहले ही लोगों को एडवाइजरी जारी कर यूक्रेन से बाहर निकलने की सलाह दी गई थी।

रूस ने कहा था, भारतीयों को युद्ध वाले इलाके से भेज रहा है यूक्रेन

गौरतलब है कि बुधवार को रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक ब्रीफिंग में बताया था कि यूक्रेनी अधिकारी भारतीयों को खारकीव में ‘जबरन रोक रहे हैं, हालांकि वे यूक्रेन छोड़कर पास के रूसी शहर बेलगोरोड में जाना चाहते हैं। रूसी मंत्रालय ने कहा कि भारतीयों को ‘बंधक बनाकर रखा जा रहा है और यूक्रेनी क्षेत्र (यूक्रेनी-पोलिश सीमा) से होकर यूक्रेन छोड़ने की पेशकश की है। उन्हें उस क्षेत्र से गुजरने के लिए कहा जा रहा था, जहां सक्रिय लड़ाई हो रही है। मंत्रालय ने कहा, ‘रूसी सशस्त्र बल भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए तैयार हैं और उन्हें अपने सैन्य परिवहन विमानों या भारतीय विमानों से रूसी क्षेत्र से घर भेजने के लिए तैयार हैं। भारत ने भी ऐसा ही करने का प्रस्ताव दिया था।

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