मैनपुरी के लिए रवाना हुए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, पढ़े पूरी ख़बर
मैनपुरी लोकसभा सीट पर मतगणना में सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों से समाजवादी पार्टी उम्मीदवार डिंपल यादव की बढ़त और बड़ी जीत की ओर उनके बढ़ने की खबरों के बीच पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ से मैनपुरी के लिए रवाना हो गए हैं। मैनपुरी में पौने 12 बजे तक की मतगणना के बाद डिंपल यादव 78 हजार से अधिक वोटों से आगे चल रही हैं। सपा ने दावा किया कि मैनपुरी में इस बार पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिलेगी। पार्टी नेताओं ने प्रशासन पर सपा समर्थकों के साथ ज्यादती का आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि प्रशासन ने निष्पक्ष भूमिका निभाई होती तो पांचों विधानसभा क्षेत्रों की पहले ही चरण से डिंपल को मिली बढ़त का अंतर और बड़ा होता।
दरअसल, मैनपुरी से डिंपल की बढ़त की खबर ने समाजवादी पार्टी को बड़ी राहत पहुंचाई है। पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई इस सीट पर सपा को पहली बार बीजेपी से बड़ी चुनौती मिली थी। बीजेपी ने मुलायम परिवार और खासकर शिवपाल सिंह यादव के पुराने करीबी रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारकर बड़ा दांव चला था। जातीय समीकरणों के हिसाब से भी यह भगवा खेमे का बड़ा दांव था। बता दें कि मैनपुरी में यादव मतदाताओं के बाद सबसे अधिक संख्या शाक्य मतदाताओं की है। मैनपुरी में पूरे चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सपा और भाजपा के बीच बड़ी खींचतान की स्थिति रही। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। इस चुनाव में यादव परिवार की विरासत पर संकट मंडराता देख चाचा शिवपाल सिंह यादव भी गिले-शिकवे भूल भतीजे अखिलेश यादव के साथ आ गए। शिवपाल और रघुराज सिंह शाक्य के बीच भी गुरु-शिष्य के रिश्ते को लेकर दावे-प्रतिदावे होते रहे। रघुराज जहां उन्हें गुरु बताते रहे वहीं शिवपाल उन पर धोखा देने का आरोप लगाते रहे। बीजेपी ने मैनपुरी में सपा का गढ़ कब्जाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। उधर, यादव परिवार और पूरी सपा ने मोर्चा संभाले रखा। अखिलेश और डिंपल के साथ शिवपाल सिंह यादव, धर्मेन्द्र यादव, तेज प्रताप यादव और आदित्य यादव सहित परिवार और पार्टी के सभी बड़े नेता प्रचार में जुटे रहे।
रघुराज सिंह शाक्य और बीजेपी की व्यूह रचना के आगे सपा और यादव परिवार की कोशिशों के टिके रहने को लेकर इस बार राजनीतिक पंडितों को भी शक होने लगा था लेकिन गुरुवार को मतगणना के रुझान आने शुरू हुए तो सपा नेताओं ने बड़ी राहत महसूस की है। जीत के आसार देखते हुए अखिलेश यादव ने भी लखनऊ से मैनपुरी का रुख किया। मैनपुरी में यदि जीत होती है तो सपा में विरासत की जंग जीतने का जश्न तो मनेगा ही। 2024 के लिए पार्टी में नई उर्जा का संचार भी होगा।
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