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छात्राओं के लिए आई बड़ी खबर,अब राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लड़कियों को मिलेगा दाखिला

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों (Rashtriya Military Schools, RMS) में पढ़ने का ख्वाब देख रहीं छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण खबर है। राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों, आरएमएस में लड़कियों को अगले शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से आरएमएस में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यह जानकारी हाल ही में एक सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार (Central government) ने देश की सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) को दी है।

राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों, आरएमएस (Rashtriya Military Schools, RMS) में छात्राओं के प्रवेश की मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul) और जस्टिस एमएम सुंदरेश (Justice MM Sundresh) कर रहे थे। पीठ ने अंत में देखा कि प्रस्तुत हलफनामे में अगले शैक्षणिक वर्ष से इन स्कूलों में महिलाओं को शामिल करने के बारे में पर्याप्त आश्वासन दिया गया है।

इस संबंध में याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, एनडीए (National Defence Academy, NDA) सैनिक स्कूलों (Sainik Schools) राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों (Rashtriya Military Schools) में महिलाओं को शामिल करने के मुद्दे का हल प्राप्त करने की उम्मीद में इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया था, लेकिन यह पूरा मामला तब से सुर्खियों में आया, जब सरकार ने घोषणा की कि महिलाओं को एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद अब अगले सेशन से मिलिट्री स्कूलों में भी प्रवेश दिया जाएगा। 

राष्ट्रीय सैन्य स्कूल अंग्रेजी माध्यम हैं और मुख्य रूप से लड़कों के लिए जाने जाते हैं। इन स्कूलों में एनडीए और/या सशस्त्र बलों में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए बेहतर गाइडेंस मिलता है। यहां भर्ती होने के बाद छात्रों को प्रशिक्षण मिलता है, जो उन्हें अक्सर देश के भावी सैनिकों के रूप में तैयार करने में मदद करता है। पिछले 2 वर्षों में, राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों, एनडीए, सैनिक स्कूलों आदि में महिलाओं के शामिल होने का मामला काफी सुर्खियों में रहा है। वहीं कई लोगों ने तो महिलाओं को 2021 में ही एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति दी देने पर इस उपलब्धि का जश्न मनाया था।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय सैन्य स्कूल चैल (हिमाचल प्रदेश), अजमेर (राजस्थान), बेलगाम (कर्नाटक), बेंगलुरु (कर्नाटक) और धौलपुर (राजस्थान) में स्थित हैं। वहीं उपलब्ध सीटों में 30% सिविलियंस के बच्चों के लिए भी निर्धारित हैं।

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