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खरीदने जा रहे हैं नया स्मार्टफोन, तो जरूर जान लें फोन से जुड़ी ये 10 बातें, कभी नहीं होंगे धोखे का शिकार

अगर आप नया स्मार्टफोन खरीदने जा रहे हैं, तो आपको कुछ बेहद जरूरी बातों का ख्याल रखना चाहिए, जो आपको एक बेहतर स्सार्टफोन खरीदने में मदद करेंगी। साथ ही आपको किसी बड़े धोखे से बचाएगी। दरअसल मौजूदा वक्त में स्मार्टफोन कंपनियां रोजाना नए-नए स्मार्टफोन लॉन्च कर रही हैं, जो बहुत ही चालाकी से कुछ ही फीचर्स को ग्राहकों के सामने हाइलाइट करती हैं। इसमें से प्रोसेसर, कैमरा और बैटरी अहम होती है। लेकिन स्मार्टफोन कंपनियां ग्राहकों से कुछ बेहद जरूरी बातों को छुपा जाती है या फिर ऐसे पेश करती हैं, जो ग्राहकों की नजर से बच निकलते हैं। ऐसे में हम आपको ऐसी जानकारी बताने जा रहे हैं, जो आपको एक बेस्ट स्मार्टफोन खरीदने में मदद करेंगी।

ब्रांड जरूरी नहीं

स्मार्टफोन खरीदने से पहले जिस एक बात को सबसे पहले ज़ेहन से निकाल देना चाहिए, वो है स्मार्टफोन ब्रांड। दरअसल ज्यादातर स्मार्टफोन कंपनियां जुगाड़ से स्मार्टफोन बनाती हैं। मतलब स्मार्टफोन ब्रांड कोई हो। लेकिन कैमरा Sony का होगा, एमोलेड डिस्प्ले सैमसमंग का होगा। और Google का एंड्राइड और प्रोसेसर किसी कंपनी का लेकर एक स्मार्टफोन बना देती हैं। ऐसे में स्मार्टफोन खरीदने समय स्मार्टफोन के ब्रांड पर ध्यान न देकर स्पेसिफिकेशन्स पर ध्यान देना चाहिए।

स्क्रीन

अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि कौन सी स्क्रीन अच्छा रहती है, LCD अच्छा है या Samsung का एमोलेड। दरअसल LCD डिस्प्ले में ब्राइटनेस ज्यादा होती है। लेकिन एमोलेड पैनल बैटरी की बचत करता है। साथ ही इसमें कलर काफी अच्छे दिखते हैं। ऐसे में अगर LCD और एमोलोड में चुनाव करना हो, तो हमेशा एमोलेड को चुनना चाहिए। 

रिफ्रेश रेट 

स्मार्टफोन खरीदते वक्त डिस्प्ले के रिफ्रेश रेट के बारे में जरूर जानना चाहिए। फोन 60Hz 90Hz, 120Hz, 144Hz से लेकर 480Hz तक आते हैं। यह आपके फोन में स्मूथनेस का प्रमाण होते हैं। ज्यादा रिफ्रेश्ड रेट गेमिंग को आसान बना देते हैं। इसके साथ ही फोन के रेजोल्यूशन पर भी ध्यान देना चाहिए। एक 6-इंच की स्क्रीन वाले स्मार्टफोन के लिए HD रेजोल्यूशन को अच्छा नहीं माना जाता है। इस साइज में Full HD रेजोल्यूशन का होना बेहतर होता है। 

परेटिंग सिस्टम

हमेशा लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम वाले फोन को खरीदना चाहिए। मार्केट में आमतौर पर दो ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड और iOS मौजूद है। एंड्राइड Google का है, जिसका लेटेस्ट वर्जन एंड्राइड 11 है। जबकि iOS Apple का ऑपरेटिंग सिस्टम है। एंड्राइड के मुकाबले iOS डिवाइस को ज्यादा सिक्योरिटी मुहैया कराता है। 

प्रोसेसर 

प्रोसेसर फोन की जान होता है। ऐसे में फोन खरीदते वक्त प्रोसेसर का खास ख्याल रखना चाहिए। मार्केट में Qualcomm, MediaTek Helio, Apple Bioni, Exynos जैसी कंपनियों के प्रोसेसर मौजूद है। लेकिन इन प्रोसेसर के नाम के बजाय इनके चिप के साइज पर ध्यान देना चाहिए। बता दें कि चिप का साइज़ जितना छोटा होता है, उसकी परफॉर्मेंस उतनी ही अच्छी होगीग। चिप साइज को नैनो मीटर में नापा जाता है। यह 12nm, 8nm, 7nm, 5nm जैसे साइज में आते हैं। बेहतर होगा कि 12nm की बजाय 8nm या फिर 7nm चिपसेट वाले फोन को ले। वही अगर महंगा स्मार्टफोन खरीद रहे हैं, तो 5nm चिपसेट वाले स्मार्टफोन को खरीदना बेहतर विकल्प होगा। Apple की लेटेस्ट  Apple A14 Bionic चिप 5nm साइज़ में आती है। 

रैम और स्टोरेज 

जिस तरह से फोन से लोगों की जरूरतें बढ़ गई है। ऐसे में ज्यादा स्टोरेज की जरूरत पड़ती है। साथ ही ऐप को रन कराने के लिए भी ज्याद इंटरनल स्टोरेज की जरूत होती है। अगर आप बजट स्मार्टफोन खरीद रहे हैं, तो देखें कि कम से कम 64GB का स्टोरेज जरूर हो। वहीं मिड रेंज स्मार्टफोन के लिए 128GB और फ्लैगशिप स्मार्टफोन के लिए 256GB स्टोरेज जरूरी हो जाता है। अगर आप फोन में गेम खेलते हैं या फिर ज्यादा से ज्यादा ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए ज्यादा रैम वाला स्मार्टफोन लेना बेहतर होगा। ऐसे में बजट स्मार्टफोन के लिए 4GB से लेकर 6GB RAM बेहतर माना जाता है। महंगे फोन में 12GB रैम तक का सपोर्ट दिया जाता है। 

कैमरा

फोन के कैमरे का चुनाव ज्यादा मेगापिक्सल और ज्यादा लेंस के आधार पर नहीं करना चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो कम मेगापिक्सल वाले iPhone से कैसे अच्छी फोटो क्लिक की जा सकती। अच्छे कैमरा की गारंटी ज्यादा मेगापिक्सल ही नहीं होता है, बल्कि कैमरे के सेंसर साइज़, अपर्चर, शटर स्पीड और फ़ोन के प्रोसेसर से फोन का कैमरा बेहतर बनता है। ऐसे में फोन लेते वक्त इन कैमरे से जुड़ी इन सारी बातों का भी ख्याल रखना चाहिए। 

बैटरी 

ज्यादा ऐप और डेली ज्यादा यूज के चलते फोन में बड़ी बैटरी का होना जरूरी हो गया है। बेहतर होगा कि फोन में हमेशा 4000mAh से बड़ी बैटरी का चुनाव करें। अब फोन ज्यादा रिफ्रेश्ड रेट, ज्यादा ब्राइटनेस और ज्यादा रेजोल्यूशन के साथ आते हैं, जो ज्यादा तेजी से बैटरी की खपत करते हैं। 

चार्जिंग स्पीड

बैटरी की ज्यादा खपत के चलते हमेशा फास्ट चार्जर वाले स्मार्टफोन का चुनाव करें। मौजूदा वक्त में 18W से लेकर 65W तक के चार्जर आने लगे हैं, जो मिनटों में स्मार्टफोन को फुल चार्ज कर देती हैं। ऐसे में ग्राहक को अपनी जरूरत के हिसाब से चार्जर का चुनाव करना चाहिए। 

वजन 

अक्सर ज्यादा बड़ी बैटरी के चलते स्मार्टफोन का वजन ज्यादा हो जाता है। ऐसे में फोन को होल्ड करने में दिक्कत होने लगती है। साथ ही इसे जेब में रखने में भी दिक्कत होती है। ऐसे में बेहतर होगा कि हमेशा 200gm कम वजह वाले स्मार्टफोन का चुनाव करें। 

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