कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ के भाजपा में शामिल होने से पार्टी के एक वर्ग में बेचैनी……
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही पार्टी के एक वर्ग में बेचैनी पाई जा रही है। भाजपा कार्यकर्ता इसके लिए वर्तमान लीडरशिप को दोषी मान रहे हैं।
भाजपा में भी यह चर्चा जोरों पर है, जिसमें कहा जा रहा है कि वर्तमान लीडरशिप की नाकामियों की वजह से ही भाजपा का कांग्रेसीकरण हो रहा है। जिस तेजी से कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं, वह कहीं न कहीं पंजाब भाजपा के वर्तमान नेतृत्व पर सवाल खड़ा करता है।
यह इस बात को भी दर्शाता है कि पंजाब भाजपा की वर्तमान लीडरशिप अत्यंत कमजोर है, तभी हमें कांग्रेस से ऐसे नेता इंपोर्ट करने पड़ रहे हैं, जो भाजपा पर गंभीर सवाल खड़े करते रहे हैं। चर्चा है कि केंद्रीय नेतृत्व को भी पंजाब के वर्तमान नेताओं पर यकीन नहीं है, इसलिए केंद्रीय नेतृत्व धड़ाधड़ कांग्रेस नेताओं की पार्टी में शामिल कर रहा है।
इसी क्रम में भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रधान राजिंदर भंडारी ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा है कि जीवन में सुखी रहने के लिए यह स्वीकारना जरूरी है कि सब कुछ सबको नहीं मिलता व सभी कुछ किसी को नहीं मिलता। भंडारी के इस पोस्ट को भी जाखड़ की एंट्री से जोड़कर देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी व पूर्व विधायक फतेहजंग बाजवा ने भाजपा ज्वाइन की थी। अब यह दोनों ही नेता भाजपा में अग्रिम पंक्ति में बैठे दिखाई देते हैं।
विधानसभा चुनाव में नहीं मिली सफलता
भाजपा लीडरशिप की कलई विधानसभा चुनाव में ही खुल गई थी। शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा हाईकमान ने विधानसभा चुनाव को बेहद गंभीरता से लड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब में तीन रैलियां की। भाजपा ने गृह मंत्री अमित शाह से लेकर केंद्रीय मंत्रियों की फौज को पंजाब में उतार दिया। इसके बावजूद भाजपा को उनके ही कार्यकर्ताओं ने वोट नहीं डाला।
पंजाब में भाजपा के 23 लाख सदस्य हैं, जबकि विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात्र 10.27 लाख वोट पड़े। शिअद के साथ गठबंधन करके भाजपा जिन 23 सीटों पर चुनाव लड़ती थी, वहां पर भी भाजपा का वोट शेयर गिर गया था। 2017 में उन 23 सीटों पर भाजपा को 8.31 लाख वोट पड़े थे, जबकि 2022 में भाजपा को वहां पर 6.03 लाख वोट पड़े।
पंजाब में चेहरा तैयार करने की तैयारी
भले ही भाजपा 74 सीटों पर लड़ी और उसके वोट प्रतिशत में सुधार हुआ, लेकिन पार्टी के लिए चिंता वाली बात यह थी कि उनके ही कार्यकर्ताओं ने भाजपा को वोट नहीं डाले। भाजपा दो सीटों पर विजयी रही, लेकिन पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस बात को लेकर चिंतित था कि अथक मेहनत के बावजूद परिणाम आशानुरूप नहीं आए।
यही कारण है कि भाजपा अब पंजाब में पार्टी का चेहरा तैयार करने में जुट गई है। इसी के मद्देनजर भाजपा ने जाखड़ को पार्टी ज्वाइन करवाया है और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पंजाब में जाखड़ को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।
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