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जानिए किसके नाम है सबसे लंबा बजट भाषण, क्या है बजट का इतिहास से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण बातें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। बजट वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के संबंधित विभाग द्वारा वार्षिक आधार पर तैयार किया जाता है। इस बार के बजट में खेती, शिक्षा, विमानन, रेलवे, नौकरी, बुनियादी ढांचा आदि जैसे कई क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए कई कदम की घोषणा की जा सकती है। बजट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार प्रत्येक क्षेत्रों के लिए धन का आवंटन कर सकती है। हम इस खबर में बजट से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं।

1. स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ जेम्स विल्सन द्वारा 1860 में पहला भारतीय बजट पेश किया गया था।

2. बजट शब्द ‘बॉजेट’ से लिया गया है जिसका मतलब है कि फ्रेंच में छोटा बैग।

3. वर्ष 2001 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट का समय सुबह 11 बजे कर दिया। वर्ष 2000 तक फरवरी के अंतिम कार्य दिवस को शाम 5 बजे बजट पेश किया जाता था।

4. मोराजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 1962-69 के बीच सबसे ज्यादा बार बजट पेश किया, उन्होंने कुल 10 बार बजट पेश किया।

5. अरुण जेटली ने 2014 में सबसे लंबा बजट भाषण दिया जो 2.5 घंटे का रहा।

6. 5 जुलाई 2019 को निर्मला सीतारमण भारत की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं।

7. बजट से पहले वित्त मंत्रालय में एक हलवा समारोह आयोजित किया जाता है। इसे कर्मचारियों को वितरित किया जाता है। इस बार हलवा समारोह नहीं हो रहा है।

8. 1955 तक यूनियन बजट अंग्रेजी में पेश किया जाता था। उस वर्ष के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने बजट को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में छापने का फैसला किया।

9. भारत का पहला स्वतंत्र बजट 26 नवंबर 1947 को RK Shanmukhan Chetty द्वारा पेश किया गया।

10. रेलवे और आम बजट 2017 तक अलग-अलग प्रस्तुत किया जाता था, लेकिन इसके बाद दोनों का एक में विलय कर दिया गया।

11. केंद्रीय बजट 1950 तक राष्ट्रपति भवन में छपा था जब यह लीक हो गया तो वर्ष 1980 में नॉर्थ ब्लॉक में एक सरकारी प्रेस की स्थापना की गई थी।

12. जवाहरलाल नेहरू बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 1958-59 में वित्त मंत्री का पोर्टफोलियो संभाला।

13. 1973-74 के बजट को भारत में ‘ब्लैक बजट’ के रूप में जाना जाता है। बजट घाटा 550 करोड़ रुपये था।

14. वर्ष 2019 में सीतारमण ने पारंपरिक बजट ब्रीफकेस की जगह एक लाल रंग का थैला लेकर आईं।

15. वर्ष 2016 तक फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर केंद्रीय बजट पेश किया गया था। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस परंपरा को बदलते हुए 1 फरवरी कर दिया।

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